Punjab News: कृषि मंत्री ने कहा, डीएपी की कमी नहीं होगी
Punjab News: पंजाब में धान की कटाई का मौसम अपने चरम पर है। कुछ दिनों में खेत खाली हो जाएंगे। जैसे ही धान का मौसम समाप्त होगा, किसान गेहूं की बुआई शुरू कर देंगे। इस स्थिति में, हर साल किसानों को एक ही समस्या का सामना करना पड़ता है, जो है गेहूं की बुआई के समय डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) की अनुपलब्धता। इस कारण से किसानों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
कृषि मंत्री की पहल
पंजाब के कृषि मंत्री ने इस साल पहले से ही इस समस्या का समाधान करने के लिए तैयारी कर ली है ताकि किसानों को डीएपी की आपूर्ति में कोई बाधा न आए और गेहूं की बुआई के लिए आवश्यक डीएपी की कोई कमी न हो। किसानों के संघ के नेताओं के साथ एक बैठक में, कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार धान की फसल की खरीदारी और खरिफ फसलों की सुचारु बुआई के लिए आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कदम का उद्देश्य किसानों को समय पर सहायता प्रदान करना और बुआई की प्रक्रिया को सुचारु बनाना है।
2.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी का आवंटन
कृषि मंत्री ने अक्टूबर महीने के लिए 2.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक का आवंटन करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस आवंटन में से राज्य को पहले से ही 22,204 मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हो चुका है और जल्द ही 15,000 मीट्रिक टन और प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त, राज्य को अब तक लगभग 1.77 लाख मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हो चुका है। इसके साथ ही, फास्फेट के विभिन्न विकल्पों के तहत 51,612 मीट्रिक टन डीएपी भी अब तक प्राप्त हो चुके हैं, जिससे कुल उपलब्धता 2,27,563 मीट्रिक टन हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि उर्वरक का यह वितरण सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है ताकि कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सके और किसानों की बुआई की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य न केवल किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराना है, बल्कि कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा देना है। डीएपी एक महत्वपूर्ण उर्वरक है जो फसलों की वृद्धि और उत्पादन में सहायक होता है। इसके सही मात्रा में उपयोग से किसानों को अधिक पैदावार प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जो उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक होगा।
किसानों की समस्याएँ और समाधान
पंजाब के किसानों के सामने कई समस्याएँ हैं, जिनमें मुख्यतः उर्वरक की अनुपलब्धता, फसल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और मौसम की बेरुखी शामिल हैं। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह इन समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाए। कृषि मंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया है कि सरकार उनकी समस्याओं को समझती है और हर संभव मदद प्रदान करने के लिए तत्पर है।
सरकारी प्रयास
सरकार ने इस साल डीएपी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें किसानों को समय पर जानकारी देना, उर्वरक की उचित वितरण व्यवस्था करना और उनकी आवश्यकताओं को समझना शामिल है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने विभिन्न उपायों के माध्यम से किसानों को उनके फसल चक्र के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।
किसानों का सहयोग
किसानों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे उर्वरक का सही उपयोग करें और इसकी मात्रा का ध्यान रखें। सही समय पर उर्वरक का उपयोग करने से फसलों की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, किसान संगठनों को भी इस दिशा में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि सभी किसान एकजुट होकर अपनी समस्याओं का सामना कर सकें।